जोधपुर, राजस्थान के एक प्रमुख शहर में, अंतर्राष्ट्रीय पंचकर्म केंद्र का उद्घाटन हुआ है। इस केंद्र का नाम है “इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म जोधपुर”। यह केंद्र परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यह जोधपुर में पहला ऐसा केंद्र है जो आयुष नीति के अनुसार बनाया गया है।
आयुर्वेद और योग महाविद्यालयों का विस्तार:
- इस नए पहल के तहत, जयपुर, बीकानेर, भरतपुर, अजमेर, कोटा, और सीकर में आयुर्वेद योग और प्राकृतिक चिकित्सा के एकीकृत कॉलेज स्थापित किए गए हैं।
- योग और प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय का उद्घाटन भी उदयपुर और जोधपुर में किया गया है।
- इन कॉलेजों के निर्माण कार्य के लिए 6 आयुर्वेद कॉलेजों को भूमि आवंटित की गई है और उन्हें विभिन्न विशेषताओं के साथ सुसज्जित किया जा रहा है।
- प्रति कॉलेज के निर्माण कार्यों के लिए प्रथम चरण में कुल 24 करोड़ रुपए के व्यय से प्रति कॉलेज 4 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
नए चिकित्सालयों और कॉलेजों का आरंभ:
- तारानगर-चूरू में ब्लॉक आयुष चिकित्सालय का संचालन शुरू हो चुका है। जिसका मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना है।
- इसके अलावा, भरतपुर में आयुर्वेद नर्सिंग कॉलेज की शुरुआत भी हो चुकी है।
- केकड़ी-अजमेर और जोधपुर में नए होम्योपैथिक कॉलेज भी शुरू किए गए हैं।
- उदयपुर के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में 50 बेड की बढ़ोतरी की गई है और 6 नए स्नातकोत्तर विभागों के लिए भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग की ओर से आवेदन स्वीकार किए गए है।
इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म जोधपुर की सुविधाएं और सेवाएं:
- जोधपुर में स्थित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में छात्रावास भवन का लोकार्पण किया गया है।
- इसके साथ ही, इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म जोधपुर, औषध गुणवत्ता प्रयोगशाला की स्थापना और रसायनशाला का विस्तार भी हो चुका है।
- यह सुविधाएं और संसाधन चिकित्सा छात्रों को उनकी शिक्षा में और भी मजबूती प्रदान करेंगी।
- स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर 3228 आयुर्वेद चिकित्सालयों और औषधालयों में आरोग्य समिति का गठन किया गया है।
- 77 नवीन ब्लॉक आयुष चिकित्सालय, 7 नवीन राजकीय आयुर्वेद औषधालय, 2 राजकीय होम्योपैथिक औषधालय, 10 नवीन आंचल प्रसूता केंद्र, 11 पंचकर्म चिकित्सा केंद्र, और 12 जरावस्था चिकित्सा केंद्र खोले गए हैं।
- इससे चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता में सुधार होगा और लोगों को विभिन्न चिकित्सा उपचारों का लाभ मिलेगा।
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