राजस्थान पुलिस द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का नाम है “रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम”। इसके तहत, राजस्थान पुलिस अकादमी में ‘ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनिंग डिफेंस टेक्निक्स फॉर वूमेन’ नामक 10 दिवसीय प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और राजस्थान पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है।
आत्मरक्षा के लिए राजस्थान पुलिस द्वारा सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षण:
- राजस्थान पुलिस द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
- इस कार्यक्रम के तहत, पुलिस अकादमी में ‘ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनिंग डिफेंस टेक्निक्स फॉर वूमेन’ नामक 10 दिवसीय प्रशिक्षण कोर्स आयोजित किया गया है।
- यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला फिजिकल ट्रेंनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) के लिए है और इसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा की तकनीकों का प्रशिक्षण देना है।
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य:
आत्मरक्षा सिर्फ हमारा अधिकार नहीं है, बल्कि हमारा कर्तव्य भी है। इसे किसी भी परिस्थिति में निभाना हमारी जिम्मेदारी है। आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेकर बालिकाओं को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ, इसके माध्यम से उन्हें उनके अधिकारों और कानूनों के प्रति जागरूकता भी मिलेगी।
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम का प्रभाव:
राज्य में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम के तहत अब तक 20 लाख से अधिक बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत, विभिन्न जिलों की महिला ट्रेनर्स को आत्मरक्षा की बारीकियां सिखाई जाएगी, जो पश्चिमी राजस्थान के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में महिला छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देंगी।
महिला अधिकारों और कानूनों की जागरूकता:
यह प्रशिक्षण अभियान महिला अधिकारों और कानूनों की विस्तृत जानकारी को भी शामिल करता है। इसके माध्यम से बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है और उन्हें स्वयं की सुरक्षा के लिए सशक्त बनाने का भी प्रयास किया जाता है।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाएं आत्मरक्षा की तकनीकों का सीखने का अवसर प्राप्त करेंगी। यह कार्यक्रम उच्च परेक्ष्यता, विस्तृत ज्ञान और बारिकियों से भरपूर होगा, जिससे बालिकाओं को अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए अच्छी तकनीक सीखने में मदद मिलेगी।