मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने एक उत्कृष्ट पहल के तहत राज्य के नॉन सर्विस सीनियर रेजिडेंट को मकान किराया भत्ता प्रदान करने की मंजूरी दी है। इस नयी योजना के माध्यम से, वे अब प्रतिमाह ₹6000 के मकान किराया भत्ते का लाभ उठा सकेंगे। यह प्रयास उन रेजिडेंट्स की मदद करेगा जो सरकारी सेवा में नहीं हैं, और जिन्हें हॉस्टल आवंटित नहीं हुआ है।
सीनियर रेजिडेंट की पात्रता और योजना की विशेषताएं:
- इस योजना के तहत, स्वेच्छापूर्वक हॉस्टल आवंटन के लिए इनकार करने वाले सीनियर रेजिडेंट पात्र नहीं माने जाएंगे।
- नॉन सर्विस सीनियर रेजिडेंट के स्टाईपेंड में भी ₹5000 की बढ़ोतरी की गई है।
- यह लाभ सिर्फ हॉस्टल आवंटित नहीं होने वाले रेजिडेंट्स को ही मिलेगा। हॉस्टल आवंटन के लिए मना करने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
- मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में यह नयी पहल सरकारी नौकरी से वंचित सीनियर रेजिडेंट्स के लिए एक अद्भुत मौका प्रदान करती है।
- यह नयी योजना न केवल उन्हें आवास की सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता भी लाएगी।
- इस नवीनतम पहल के अनुसार, नॉन सर्विस सीनियर रेजिडेंट को प्रतिमाह ₹6000 का मकान किराया भत्ता दिया जाएगा।
- इससे केवल हॉस्टल आवंटित नहीं होने वाले रेजिडेंट्स को ही फायदा होगा
- जो व्यक्ति स्वयं इस नवीनतम योजना के आवेदन के लिए इंकार कर देता है उसे इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
इस नवीनतम पहल के माध्यम से, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा संचालित योजना नौकरी से वंचित रेजिडेंट्स के जीवन में नई आशा और आर्थिक सहायता ला रही है। यह पहल आवास सुविधा में सुधार करने के साथ-साथ विविधता और अनुभवों का एक संतुलित मिश्रण प्रदान करती है। इसके अलावा, नयी योजना के तहत स्टाईपेंड में बढ़ोतरी करने से रेजिडेंट्स की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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