राज्य सरकार ने गौवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए गौशालाओं को बड़ी सहायता प्रदान की है। गौ-संरक्षण एवं संवर्धन निधि संशोधित नियम-2021 के तहत प्रदायक धनराशि को बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2022-23 से सहायता राशि की अवधि को 6 महीने से 9 महीने तक बढ़ा दिया गया है।
इस संबंध में राजस्व मंत्री श्री रामलाल जाट ने बुधवार को विधानसभा में सदस्यों के सवालों का जवाब दिया। आइए इस सबको विस्तार से देखते हैं।
गौशालाओं को सहायता:
- राजस्व मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से गौशालाओं को 270 दिवसों की सहायता राशि को दो चरणों में बाँटा गया है।
- प्रथम चरण में अप्रैल, मई, जून और जुलाई महीनों में सहायता प्रदान की जाती है, जबकि द्वितीय चरण में नवंबर, दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च महीनों में यह सहायता दी जाती है।
सहायता में वृद्धि:
- गौशालाओं में रखी जाने वाली गौवंश के भरण-पोषण के लिए सरकार ने वित्तीय सहायता राशि को वृद्धि की है।
- बड़े गौवंश के लिए प्रतिदिन प्रति गौवंश 32 रुपए के स्थान पर 40 रुपए दिए जा रहे हैं, और छोटे गौवंश के लिए 16 रुपए के स्थान पर प्रतिदिन 20 रुपए प्रति गौवंश सहायता प्रदान की जा रही है।
- यह बढ़ी हुई सहायता राशि गौशालाओं के लिए गौवंश के भरण-पोषण में और अधिक मददगार साबित होगी।
नियमित रूप से सहायता:
- सरकार ने गौशालाओं को गौवंश के भरण-पोषण के लिए नियमित रूप से सहायता प्रदान करने का वादा किया है।
- गौशालाओं को उनके चारे की बढ़ती हुई दरों और मांग के अनुसार गौ-संरक्षण एवं संवर्धन निधि संशोधित नियम-2021 के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।
इस नई पहल के माध्यम से राज्य सरकार ने गौशालाओं को गौवंश के भरण-पोषण के लिए विशेष सहायता प्रदान की है। गौवंश के संरक्षण और संवर्धन में बढ़ी हुई सहायता राशि उन्हें और अधिक सशक्त बनाएगी और इससे गौशालाओं के कार्य को सुविधाजनक रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी।
गौवंश के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह सरकार की पहल है, जो गौशालाओं को गौवंश के पालन-पोषण के लिए विशेष समर्थन प्रदान कर रही है।
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