राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project- ERCP) के निर्माण के लिए 14,200 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को मंजूरी दे दी है
मुख्यमंत्री द्वारा दी गई इस मंजूरी से नवनेरा-गलवा-बिसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना’ निर्माणाधीन नवनेरा बैराज एवं ईसरदा बांध, रामगढ़ एवं महलपुर बैराज का निर्माण किया जाएगा
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के फायदे:-
- इस परियोजना से नवनेरा बैराज,मेज एनीकट तथा गलवा बांध में पंपिंग एवं विघुत स्टेशन स्थापित किए जाएंगे
- इस परियोजना से बाढ़ के समय आने वाले अतिरिक्त पानी को संग्रहित करके, बाढ़ से होने वाली फसल की हानि को रोका जा सकेगा तथा इस अतिरिक्त पानी से विभिन्न प्रकार के कार्य पूरे किए जाएंगे।
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से राजस्थान में निरंतर गिर रहे भूजल स्तर को रोकने में मदद मिलेगी।
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत बीसलपुर बांध की ऊंचाई को आधा मीटर तक बढ़ाया जाएगा जिससे बीसलपुर बाँध की जल संग्रहण क्षमता बढ़ेगी।
- यह योजना राजस्थान के परिवहन तंत्र में मददगार होगी इस के द्वारा लगभग 200 किलोमीटर लंबे जल परिवहन तंत्र को विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project- ERCP) के तहत वर्ष 2040 तक राजस्थान की घनी आबादी वाले तीन जिले अजमेर, जयपुर एवं टोंक जिले की पेयजल की जरूरतों पूरा करते हुए अतिरिक्त पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी।
- यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों फसलों की सिचांई और पीने के पानी की समस्या के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- इस परियोजना के माध्यम से बाढ़ तथा नदियों के व्यर्थ बह रहे पानी को रोका जाएगा। इसमें राजस्थान राज्य की समस्त नदियों में बह रहे फालतू पानी को बांधों के जरिए रोककर राज्य में उपयोग में लिया जाएगा। हर साल यमुना नदी का बहुत सारा उपयोगी जल व्यर्थ ही समुंद्र में चला जाता है।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2023-24 में इस परियोजना के तहत होने वाले समस्त प्रकार के कार्यों के लिए तक़रीबन 13000 करोड़ रुपए के व्यय करने की घोषणा की थी।
यह राजस्थान सरकार द्वारा संचालित एक परियोजना के जिसके माध्यम से दक्षिणी राजस्थान में बहने वाली नदियों के अतिरिक्त पानी को पूर्वी राजस्थान में लाना है। जिससे इस अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल सिचांई तथा पेयजल के रूप में किया जा सके।
इस परियोजना का लाभ पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को मिलेगा।
कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, करौली, भरतपुर, दौसा, धौलपुर तथा अलवर
ERCP का पूरा नाम Eastern Rajasthan Canal Project या पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना है।