तटरक्षक मेडल धारक भी होंगे राजस्थान सरकार की देय सुविधाओं से लाभान्वित    

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा की गई घोषणा के अनुसार सरकार द्वारा तटरक्षक मेडल से सम्मानित सैनिकों को राज्य शौर्य पुरस्कार के अंतर्गत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

  • राजस्थान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत  द्वारा इस प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी गई है।
  • तटरक्षक मेडल (वीरता) धारकों को नगद राशि और सिंचित भूमि या भूमि के एवज में नगद राशि प्रदान की जाएगी।
तटरक्षक मेडल धारक भी होंगे राजस्थान सरकार की देय सुविधाओं से लाभान्वित

  • राज्य बजट वर्ष 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की गई है।
  • राजस्थान, भारत का एक प्रमुख राज्य है, जहां सेना के वीर सैनिकों को उनकी महानता और बहादुरी के लिए तटरक्षक मेडल से अलंकृत किया जाता है। 
  • अब इस मेडल से सम्मानित सैनिकों को राजस्थान शौर्य पुरस्कार (नगद पुरस्कार और भूमि अनुदान) नियम 1966 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा देय सुविधाओं का लाभ भी प्राप्त होगा।
  • राजस्थान सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है, ताकि तटरक्षक मेडल से नवाजे गए सैनिकों को अधिक सुविधाएं मिल सकें। 
  • इससे सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन और देशसेवा में प्रभावी रूप से संलग्न होंगे।
  • राजस्थान शौर्य पुरस्कार के अंतर्गत तटरक्षक मेडल से सम्मानित सैनिकों को दिए जाने वाले नगद और भूमि के लाभ से, उन्हें अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध जीवन की सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित पुरस्कार राशि:

राजस्थान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा की गई घोषणा के अनुसार दी जाने वाली पुरस्कार राशि निम्न प्रकार है

राष्ट्रपति तटरक्षक मेडल (वीरता) धारक6 लाख रुपए नगद एवं खेती के लिए 25 बीघा भूमि या भूमि के बदले 25 लाख रुपए नगद
तटरक्षक मेडल (वीरता) धारक30 हजार रुपए नगद एवं खेती के लिए 25 बीघा भूमि या भूमि के बदले 25 लाख रुपए नगद

इस प्रस्ताव को राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी गई है। यह लाभ 26 जनवरी 1990 से लागू होगा।

इस प्रकार, राजस्थान में मेडल से सम्मानित सैनिकों को राज्य शौर्य पुरस्कार (नगद पुरस्कार और भूमि अनुदान) नियम 1966 के अंतर्गत देय सुविधाओं का लाभ प्राप्त होगा। इससे सैनिकों को आर्थिक सहायता मिलेगी और उनका सम्मान भी बढ़ेगा। यह पहल सैनिकों की मनोबल को बढ़ाने, उन्हें सशक्त बनाने और उनके सामरिक योग्यता को मान्यता देने का एक माध्यम है।

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