आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा हमारे देश में हजारों वर्षों से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यूनानी चिकित्सा द्वारा द्वन्द्व-प्रकृति सिद्धांत का उपयोग करके विभिन्न बीमारियों का उपचार किया जाता है। इसी के प्रमाण के रूप में राजस्थान सरकार ने प्रदेश में यूनानी चिकित्सालयों और औषधालयों की सुविधा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।
राज्य सरकार द्वारा लिए गए मुख्य फैसले:
- राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने हाल ही में आयुष चिकित्सालयों और औषधालयों में यूनानी चिकित्सा सुविधा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
- इसके तहत प्रदेश में 100 नए आयुष चिकित्सालयों और औषधालयों की स्थापना की जाएगी।
- इन व्यवस्थाओं को क्रियान्वित करने के लिए 200 पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
प्रदान की जाने वाली सुविधाएं:
- यूनानी चिकित्सा सुविधा को लेकर प्रदेश में कुल 100 आयुष चिकित्सालयों और औषधालयों की स्थापना की जाएगी।
- इन सुविधाओं के संचालन के लिए कुल 200 पदों का सृजन किया जाएगा।
- इन सुविधाओं के तहत विभिन्न शहरों में आयुष चिकित्सालयों और औषधालयों की संरचना होगी।
- जयपुर में 18, जोधपुर में 16, भरतपुर में 8, सीकर में 6, अजमेर और सवाई माधोपुर में 5-5,।
- उदयपुर, दौसा, और झुंझुनूं में 4-4, नागौर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, और चूरू में 3-3,।
- कोटा, जालौर, जैसलमेर, और राजसमंद में 2-2, अलवर, बीकानेर, बूंदी, धौलपुर, हनुमानगढ़, करौली, पाली, प्रतापगढ़, श्रीनगर और टोंक में 1-1 आयुष चिकित्सालय/औषधालय स्थापित किए जाएंगे।
- यूनानी चिकित्सा सुविधा को लेकर यह फैसला प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने और जनता को उच्च-गुणवत्ता वाले उपचार की सुविधा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
- यूनानी चिकित्सा के विकास से बढ़कर प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे और यह स्वास्थ्य सेवाओं के पहुंच और गुणवत्ता में सुधार लाएगा।
राजस्थान सरकार के इस पहल से यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई उम्मीद का उदय होगा। यह प्रदेश के लोगों के लिए एक स्वास्थ्य सेवा का संग्रह है जो उच्च गुणवत्ता और परंपरागत चिकित्सा प्रणालियों के साथ सामर्थ्यपूर्ण औषधियों की पहुंच प्रदान करेगा। यह पहल लोगों को विभिन्न बीमारियों से निजात दिलाने और स्वस्थ जीवन का आनंद उठाने का माध्यम बनेगी।