राजस्थान में पक्षियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 50 पक्षीघरों के निर्माण की घोषणा की है। इस घोषणा के तहत, प्रदेश में 50 नए पक्षीघर बनाए जाएंगे।
50 पक्षीघरों के निर्माण के लिए 43.50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट प्रावधान मंजूर किया गया है। यह पक्षीघर विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं 33 लवकुश वाटिकाएं और 17 अन्य स्थान।
इस बड़े कदम से प्रदेश में पक्षियों की संरक्षण और विकास की दिशा में गहलोत सरकार का समर्पण पुनः प्रकट हो रहा है।
पक्षीघरों का विवरण और वित्तीय प्रावधान:
- ये पक्षीघर उदयपुर के गुलाब बाग के पक्षीघर की तर्ज पर आधारित होंगे।
- प्रत्येक पक्षीघर का निर्माण एक लाख से अधिक रुपये में होगा और प्रति पक्षीघर का खर्च 87 लाख रुपये होगा।
- इस प्रकार, कुल मिलाकर 43.50 करोड़ रुपये का खर्च राजस्थान सरकार द्वारा किया जाएगा।
- इन पक्षीघरों में कोकटीयल (ऑस्ट्रेलियाई बर्ड), लव बर्ड तोता, बजरिगर (बुग्गी तोता), गिनी फाउल (चकोर मुर्गा) जैसे प्रमुख पक्षियों को विदेश से आयात किया जाएगा।
पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण कदम:
- इस मंजूरी के द्वारा प्रदेश में पक्षियों के संरक्षण एवं संवर्धन में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
- यह पहल न केवल पक्षियों को सुरक्षा देगी, बल्कि बीमार और असहाय पक्षियों का उपचार और संवर्धन भी संभव बनाएगी।
- मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा की गई इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में पक्षियों के प्रशंसकों को एक आकर्षक स्थान प्रदान करना है, जहां वे प्राकृतिक सुंदरता के साथ पक्षियों को देखने का आनंद ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में पक्षीघरों के निर्माण की घोषणा करने से प्रदेश में पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
यह प्रयास प्रदेश के बीमार और घायल पक्षियों और वन्य जीवन को सुरक्षित रखने के साथ-साथ प्रदेश को पक्षियों के प्रेमी और प्रकृति के प्रशंसकों के लिए एक आकर्षक स्थान प्रदान करेगा।
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