राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में ‘नो बैग डे’ के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर छात्र-छात्राओं को तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने और तम्बाकू के उपयोग से बचाव को प्रोत्साहित करने के लिए गतिविधियों का आयोजन करेंगे।
इस उद्यम के अंतर्गत, प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की गतिविधियों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, 60 दिन के दौरान ‘टोबेको एंड ड्रग फ्री यूथ कैम्पेन’ चलाया जाएगा।
टोबेको एंड ड्रग फ्री यूथ कैम्पेन संयुक्त प्रयासों के तहत छात्रों की सुरक्षा और तंबाकू रोधी पहल:
- शिक्षा विभाग और एनएचएम के संयुक्त प्रयासों के तहत छात्रों की सुरक्षा और तंबाकू के खिलाफ पहल को प्राथमिकता दी जाएगी।
- ‘नो बैग डे’ के दौरान, छात्र-छात्राओं को अपने विद्यालय परिसर के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी तम्बाकू के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- इसके माध्यम से, बच्चे बचपन से ही इस बुरी आदत से दूर रह सकेंगे।
- राज्य सरकार द्वारा ‘टोबेको एंड ड्रग फ्री यूथ कैम्पेन’ की शुरुआत की गई है।
- शिक्षण संस्थानों के प्रभारी और अध्यापकों को तम्बाकू मुक्त परिसर को बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
- सभी प्रकार के तंबाकू उत्पादों का विद्यालय परिसर में पूर्णतया निषेध किया जाएगा।
नो बैग डे की गतिविधियां:
- प्रदेश में 60 दिन के यूथ कैम्पेन के दौरान तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना और छात्र-छात्राओं को तम्बाकू के उपयोग से बचने के लिए उन्हें प्रेरित करना है।
- ये गतिविधियां छात्रों में स्वस्थ और जागरूकता संबंधी सोच विकसित करेंगी।
- जनसंख्या के वृद्धि के साथ-साथ नशीली सदी में युवा और बच्चों के बीच तंबाकू के उपयोग का विस्तार देखा जा रहा है। इसलिए, ऐसी पहलों का आयोजन करना महत्वपूर्ण है जो तंबाकू के उपयोग को कम करने और तंबाकू रोधी सोच को बढ़ावा देने के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित करेंगी।
टोबेको एंड ड्रग फ्री यूथ कैम्पेन प्रदेश के युवाओं को नशे के खतरों से बचने के लिए यह पहल एक सशक्त और समर्पित समाज का निर्माण करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह अभियान न केवल छात्र-छात्राओं को तंबाकू के खिलाफ जागरूक करेगा, बल्कि समाज में एक स्वस्थ और सकारात्मक संस्कृति की प्रेरणा भी देगा।