राजस्थान पालनहार योजना की विस्तृत जानकारी

राजस्थान पालनहार योजना मुख्य अनाथ बच्चे के पालन पोषण देखरेख तथा शिक्षा व्यवस्था के लिए राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजना है।

यह योजना 0 वर्ष से 18 वर्ष तक की उन बालक बालिकाओं के लिए है। जो या तो अनाथ हो या अन्य श्रेणी के होने के कारण अपने निकटतम रिश्तेदार या अभिभावक के संरक्षण में पल बढ़ रहे हो। ऐसे अभिभावकों को यहां पालनहार कहा गया है तथा इस योजना को पालनहार योजना कहा जाता है। 

राजस्थान पालनहार योजना में बजट 2023 के संशोधन 

राजस्थान के नवीनतम बजट 2023 में पालनहार योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में संशोधन किया गया है 

इस संशोधन के तहत पूर्व में 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों को प्रति माह ₹500 दिए जाते थे अब इस सहायता राशि को बढ़ाकर ₹750 कर दिया गया है। 

पूर्व में 6 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को 1000 रु  प्रतिमाह सहायता राशि के रूप में दिए जाते थे। अब इस सहायता राशि को बढ़ाकर 1500 रु प्रतिमाह कर दिया गया है।

इस योजना के तहत बढ़ाई गई सहायता राशि जुलाई 2023 से लागू की जाएगी। 

राजस्थान पालनहार योजना पात्रता की श्रेणी 

अनाथ बच्चे
आजीवन कारावास पा रहे माता-पिता के बच्चे 
ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु  हो चुकी हो और दूसरे को आजीवन कारावास या मृत्युदंड मिला हो
निराश्रित पेंशन पा रही विधवा जिसके 3 बच्चे हो
पुनर्विवाहित विधवा के बच्चे
एड्स बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे
कुष्ठ रोगी माता-पिता के बच्चे
नाते गई हुई महिला के 3 बच्चे
दिव्यांग माता-पिता के बच्चे
तलाकशुदा महिला के बच्चे  

पालनहार योजन के तहत संशोधित देय लाभ 

आयु वर्ग पूर्व में दी जाने वाली सहायता राशि  नवीन संशोधित सहायता राशि (जुलाई 2023 से लागू) 
0 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे (अनाथ श्रेणी )1000 रु मासिक
6 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चे (अनाथ श्रेणी )1500 रु मासिक
0 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे (अन्य श्रेणी )500 रु मासिक 750 रु मासिक 
6 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चे (अन्य श्रेणी )1000 रु मासिक 1500 रु मासिक 
अतिरिक्त लाभ (कपड़े, जूते आदि )2000 रु एकमुश्त (यह राशि विधवा तथा नाता पालनहार में नहीं दि जाती)2000 रु एकमुश्त ((यह राशि विधवा तथा नाता पालनहार में नहीं दि जाती)

राजस्थान पालनहार योजना की लागू शर्ते 

  • पालनहार योजना का लाभ लेने वाले परिवार की वार्षिक आय 1,20,000 रुपये से कम होनी चाहिए।
  • योजना का लाभ लेने वाले बालक बालिकाओं की आयु  18 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • आवेदन की तिथि के समय पालनहार तथा बच्चा दोनों कम से कम 3 वर्ष तक राजस्थान के निवासी होने चाहिए। 

पालनहार योजना के आवेदन हेतु जरूरी दस्तावेज 

मूल दस्तावेज 

  • अनाथ बच्चों की स्थिति में उनके माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र।
  • न्यायिक दंड की स्थिति में दंडित आदेश की कॉपी।
  • निराश्रित पेंशन पा रही  विधवा महिला के पेंशन पीपीओ की कॉपी।
  • पुनर्विवाह करने वाली महिला के बच्चों की स्थिति में महिला के पुनर्विवाह की प्रमाण पत्र की कॉपी।
  • एड्स रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चों की स्थिति में  ए.आर.टी द्वारा जारी ग्रीन डायरी की कॉपी।
  • कुष्ठ रोग से ग्रसित माता-पिता के बच्चों की स्थिति में चिकित्सालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र की कॉपी।
  •  दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की स्थिति में बोर्ड द्वारा जारी किए गए 40% से अधिक दिव्यांगता के प्रमाण पत्र की कॉपी
  •  तलाकशुदा महिला के बच्चों की स्थिति में पेंशन भुगतान के आदेश की पीपीओ कॉपी

अन्य प्रमुख दस्तावेज

  • पालनहार के जन आधार कार्ड की कॉपी।
  • पालनहार के राशन कार्ड वोटर कार्ड और मूल निवास के प्रति 
  • पालनहार के आय का प्रमाण पत्र जिसमें उसकी वार्षिक आय एक लाख बीस हज़ार से कम होनी चाहिए।
  • बच्चे  के आधार कार्ड की कॉपी
  • पंजीकरण अगर बच्चा आंगनवाड़ी में हो अथवा प्रमाण पत्र अगर बच्चा विद्यालय में अध्यनरत हो। 

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी 

राजस्थान पालनहार योजना का नियमित लाभ लेने के लिए प्रतिवर्ष जुलाई माह में निकटवर्ती ईमित्र किओस्क पर जाकर आंगनवाड़ी केंद्र तथा विद्यालय में नियमित अध्ययन संबंधी प्रमाण पत्रों को अपडेट कराना आवश्यक है।  अन्यथा इस योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि रोक दी जाएगी।

इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए राजस्थान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ऑफिशल वेबसाइट sje.rajasthan.gov.in पर जा सकते है। 

राजस्थान पालनहार योजना क्या है ?

परिवारविहीन अनाथ बच्चे के लालन पालन देख संभल तथा शिक्षा व्यवस्था के लिए राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजना है।

पालनहार योजना की शुरुआत कब हुई ?

पालनहार योजना की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी।