राजस्थान के शहरों को स्वच्छता ग्रेडिंग देने के लिए विद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों को अंकों के जैसे ही ग्रेडिंग का प्रयोग होगा। यह ग्रेडिंग शहरों की स्वच्छता के मानकों के आधार पर होगी।
राजस्थान के शहरों की स्वच्छता ग्रेडिंग में तीन कैटेगरी:
यह ग्रेडिंग तीन कैटेगरी में बांटी जाएगी। यह ग्रेडिंग निम्नलिखित मानकों के आधार पर की जाएगी:
ग्रेडिंग केटेगरी | सफाई मानक |
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ओडीएफ सिटी का दर्जा: | जिस शहर में 100% घरों में पक्के टॉयलेट होंगे और खुले में शौच करने पर जुर्माना होगा। |
ओडीएफ प्लस सिटी का दर्जा: | जिस शहर में किसी भी व्यक्ति को खुले में शौच या पेशाब करने की कोई अनुमति नहीं होगी। यहां टॉयलेट और सार्वजनिक सुविधाएँ पूर्णता से उपलब्ध होंगी। टॉयलेट सफाई के लिए सिस्टम तैयार रखा जाएगा। |
ओडीएफ प्लस प्लस सिटी का दर्जा: | जिस शहर में 100% खुले में शौच करना बंद होगा और मलबा और कीचड़ नहीं होगा। जहाँ सीवरेज सिस्टम पूर्णता से काम करेगा और सभी कीचड़ को सुरक्षित ढंग से निपटाया जाएगा। इसके साथ ही, जहाँ पानी की 100% व्यवस्था होगी। |
राजस्थान के शहरों को स्वच्छता ग्रेडिंग देने की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण बिंदु:
- राजस्थान के शहरों को स्वच्छता ग्रेडिंग देने की प्रक्रिया में, जुलाई महीने में 18 महत्वपूर्ण बिंदुओं के आधार पर मार्किंग की जाएगी।
- जिस शहर को ओडीएफ प्लस प्लस स्तर प्राप्त होगा, वह सबसे स्वच्छ शहर के रूप में मान्यता प्राप्त करेगा।
- सरकार के द्वारा पिछले 7 दिनों से बड़े शहरों की सफाई में पूरी ताकत लगाई जा रही है और स्वायत्त शासन विभाग के सचिव महेश चंद शर्मा ने अजमेर, उदयपुर, जयपुर हेरिटेज निगम, जयपुर ग्रेटर निगम और कई अन्य निकायों में वार्ड-वार्ड निरीक्षण किया है।
स्वच्छता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे समझने और उसके प्रति समर्पित होने की जरूरत है। शहरों की स्वच्छता पर ग्रेडिंग के माध्यम से प्रेरित करने से, लोगों की जागरूकता बढ़ेगी और स्वच्छता के मानकों को बढ़ावा मिलेगा।
यह स्वच्छता की और एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमारे शहरों को स्वस्थ, सुरक्षित और आकर्षक बनाने में मदद करेगा।
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