राजस्थान के मेधावी विद्यार्थियों को दिए जाएंगे टेबलेट, साथ में 3 साल का फ्री इंटरनेट भी मिलेगा

राजस्थान सरकार ने मेधावी विद्यार्थियों के प्रति शिक्षा में रुचि को देखते हुए 93000 मेधावी विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण करने का निर्णय लिया है

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार  विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण करने के संबंध में 2 जनवरी को इसका अंतिम निर्णय ले लिया गया था पिछले 4 महीनों से इस निर्णय पर बातचीत चल रही थी कि विद्यार्थियों को टेबलेट दिए जाएं या लैपटॉप दिए जाएं विभाग द्वारा दी गई रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि विद्यार्थियों को टेबलेट ही वितरित किए जाएंगे इसके साथ उन्हें 3 साल का फ्री इंटरनेट कनेक्शन भी दिया जाएगा

राजस्थान सरकार की ओर से आठवीं दसवीं और बारहवीं के होनहार विद्यार्थियों के लिए लैपटॉप योजना संचालित है पिछले साल ही अक्टूबर में इस योजना में बदलाव करके लैपटॉप की जगह टेबलेट दिए जाने का निर्णय लिया गया था लेकिन इसके बाद यह बात सामने आई कि सरकार वापिस लैपटॉप ही देगी लेकिन जनवरी में स्पष्ट कर दिया कि 93000 विद्यार्थियों को अब टेबलेट ही दिए जाएंगे जिस की खरीद की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है

इस प्रकार होगा टेबलेट का वितरण:-

  • सरकार 1 साल में तीनों कक्षाओं के कुल मिलाकर 27900 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ प्रदान करने के लिए बाध्य है
  • पिछले 4 साल 2019-20, 2020-21, 2021-22, और 2022-23 के होनहार विद्यार्थियों को यह टेबलेट मिलने है
  • पिछले 4 सालों के विद्यार्थियों की कुल संख्या 111600 होती है लेकिन परीक्षा का आयोजन नहीं होने के कारण आठवीं के विद्यार्थियों को 2 सालों के 18600 टेबलेट नहीं दिए जाएंगे
  • अब जिन विद्यार्थियों को टेबलेट मिलेगा उन विद्यार्थियों की संख्या 93000 रह गई है

टेबलेट वितरण हेतु चयन की प्रक्रिया:-

  • इस योजना के अंतर्गत आठवीं दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में राज्य स्तर पर टॉप रहने वाले तकरीबन 6-6 हजार विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा
  • इस योजना के अंतर्गत तीनों कक्षाओं को मिलाकर कुल 18000 विद्यार्थी पात्र होंगे
  • इसके पश्चात जिला स्तर पर रोक रहने वाले 100-100 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा 
  • इस तरह से हर कक्षा में 33 विद्यार्थी है तथा तीनों कक्षाओं को मिलाकर कुल 9900 विद्यार्थी हो गए हैं
  • इस प्रकार हर 1 साल में 27900 विद्यार्थियों का चयन होता है
  • किसी एक कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या को देखें तो उसमें स्टेट लेवल के 6000 विद्यार्थी और जिला स्तर के 3300 विद्यार्थी यानी एक कक्षा में कुल 9300 विद्यार्थी इस योजना के दायरे में आते हैं

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