वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड राजस्थान : कार्य, संरचना और उद्देश्य 

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड : राजस्थान सरकार ने नागरिकों को महाराणा प्रताप के अद्वितीय शौर्य और उनकी कर्तव्यनिष्ठा के प्रति जागरूक करने के लिए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड की स्थापना की घोषणा की है। इस पहल को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

महाराणा प्रताप, मुग़ल साम्राज्य के विरुद्ध अपनी अदम्य साहस और अद्वितीय योद्धा क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने अपनी जीवन में अनेक कठिनाईयों का सामना किया, लेकिन कभी भी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने से नहीं रुके। 

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उनका जीवन और उनकी युद्ध-कथाएं भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। 

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड के गठन से उनकी अद्वितीय कहानियां और उनके द्वारा दिखाए गए उत्कृष्ट गुणों को अधिक चर्चा और सम्मान मिलेगा।

यह बोर्ड युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के चरित्र और उनके गुणों के प्रति जागरूक करेगा, जिसमें सहनशीलता, दृढ़ता, योद्धा क्षमताएं, और स्वतंत्रता के प्रति समर्पण शामिल हैं। युवाओं को प्रेरित करने के लिए, बोर्ड विभिन्न पाठ्यक्रमों, कार्यक्रमों और सम्मेलनों के माध्यम से उनके विचारों और योगदान को प्रशंसा करेगा।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड की संरचना:

  • बोर्ड का नेतृत्व एक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष करेंगे।
  • साथ ही बोर्ड में 7 अतिरिक्त सदस्य भी शामिल होंगे।
  • बोर्ड का कार्यन्वयन सचिव और कार्यकारी स्टाफ करेंगे।
  • श्री अशोक गहलोत ने 12 मई 2023 को उदयपुर में इस बोर्ड की स्थापना की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य नवीन युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र के प्रति संवेदनशील बनाना है।

महाराणा प्रताप बोर्ड के अधीन विभिन्न कार्य:

  • महाराणा प्रताप से संबंधित पुरातात्विक धरोहरों का संरक्षण और नवीनीकरण।
  • उनके बारे में विभिन्न भाषाओं में लिखे गए साहित्य का संकलन, संरक्षण, अनुसंधान, प्रकाशन और प्रचार-प्रसार।
  • विभिन्न कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में महाराणा प्रताप से संबंधित विषयों को शामिल करना।
  • साथ ही, बोर्ड महाराणा प्रताप के नाम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों की शुरुआत करेगा। 
  • बोर्ड द्वारा मेलों, प्रदर्शनी, समारोह, सम्मेलन, फिल्मों और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देश और विदेश में उनके विचारों का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।

इस तरह, महाराणा प्रताप बोर्ड का गठन राजस्थान और पूरे देश के नागरिकों के लिए महाराणा प्रताप की अद्वितीय कड़ी और उनके उत्कृष्ट गुणों के प्रति सम्मान और आदर की भावना को बढ़ावा देने वाला होगा।

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