राजस्थान में मानसिक रोगियों की देखभाल को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2017 और राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण नियम 2018 की धाराओं का पालन किया जा रहा है।
गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से घोषित
इस महत्वपूर्ण कदम को साकार करने के लिए, सरकार ने गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से इसकी घोषणा की है। इसके द्वारा राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की स्थापना को सामर्थ्यपूर्णता से मान्यता प्राप्त हो गई है।
मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्यकारी सदस्यों की नियुक्ति
- इस मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया है कि प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य रोगियों की देखभाल के लिए प्राधिकरण का गठन कियाहै।
- मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष एवं निदेशक जनस्वास्थ्य को सदस्य सचिव के रूप में चुना गया है।
- गैर सरकारी सदस्य भी मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में सम्मिलित किए जाएंगे।
राजस्थान मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के आगामी कार्यक्रम
- मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक का जल्द ही आयोजन किया जाएगा इस आयोजन में इससे संबंधित नियम और उप नियम बनाए जाएंगे।
- इसके साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य बोर्ड भी गठित किए जाएंगे, जो मानसिक रोगियों के लिए अधिकारों संबंधी नियमावली की निर्धारित करेगा।
यह मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन प्रदेश में मानसिक रोगियों की देखभाल को सुविधाजनक बनाने का महत्वपूर्ण कदम है।
इससे राज्य के मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषज्ञता और संगठन का विकास होगा, जिससे रोगियों को उचित सहायता प्राप्त हो सकेगी।
मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों के नियुक्ति से इस प्राधिकरण की सक्रिय और प्रभावशाली गतिविधियाँ हो सकेंगी। इसके साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के आगामी कार्यक्रमों में राज्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी नियम और उपनियम तैयार किए जाएंगे, जो संघटित और सुविधाजनक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की महत्वता को सुनिश्चित करेंगे।
इस प्राधिकरण की स्थापना राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का एक सराहनीय पहल है। जो मानसिक रोगो से पीड़ितों को बहुत लाभ पहुंचाएगी।