मधुमक्खी पालन किसानों के लिए नए आय के स्रोत उपलब्ध कराने और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 25.67 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
इस प्रस्ताव के तहत, प्रदेश के विभिन्न जिलों में श्रीगंगानगर, अलवर, धौलपुर और भरतपुर सहित 10 हजार किसानों को लाभ मिलेगा।
मधुमक्खी पालन पर प्रस्तावित निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे:
- प्रत्येक किसान को 40% अनुदान के साथ 50 मधुमक्खी के बॉक्स और 50 मधुमक्खी कॉलोनी हेतु लागत राशि।
- प्रत्येक किसान को एक बी-किपिंग किट के लिए सहायता राशि।
- 7500 किसानों को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण।
- किसानों के लिए मधुक्रान्ति पोर्टल पर पंजीकरण।
लाभार्थियों की संख्या:
- इस पहल के अंतर्गत, यह उपयोगी योजना 10 हजार किसानों को लाभ पहुंचाएगी।
- इनमें से भरतपुर, श्रीगंगानगर, अलवर और धौलपुर जैसे विभिन्न जिलों के किसान शामिल होंगे।
- इस प्रस्ताव के अनुसार, हर किसान को प्रति व्यक्ति 50 मधुमक्खी बॉक्स और 50 मधुमक्खी कॉलोनी हेतु लागत राशि का 40 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- साथ ही, प्रत्येक किसान को एक बी-किपिंग किट के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रशिक्षण और पंजीकरण:
- इस महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत, 7500 किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- उनके लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिससे उन्हें नवीनतम तकनीकों, सेंट्रोमाइटेस की देखभाल और उच्चतम उत्पादन प्रथाओं का ज्ञान प्राप्त होगा।
- साथ ही, उनका मधुमक्खी पालन पंजीकरण भी मधुक्रान्ति पोर्टल पर किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत, मधु पालन को प्रोत्साहित करने से किसानों को आय के नए स्रोत मिलेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह पहल प्रदेश की किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों का महत्वपूर्ण कदम है।
यह प्रस्ताव किसानों के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करेगा जो मधुमक्खी पालन में रुचि रखते हैं और इस व्यवसाय को बढ़ाने में दिलचस्पी रखते हैं।