जोधपुर में खुलेगा हस्तशिल्प और हथकरघा निदेशालय : राजस्थान के जोधपुर शहर में शिल्पकारों और बुनकारों की कला को सम्मान और समर्थन देने के लिए राज्य सरकार हस्तशिल्प और हथकरघा निदेशालय की स्थापना करेगी। इसकी घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के द्वारा की गई है।
इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां हमारे द्वारा इस लेख में दर्शाई गई है कृपया इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
राजस्थान हस्तशिल्प और हथकरघा निदेशालय का उद्देश्य
राजस्थान में हस्तशिल्प और हथकरघा कला का महत्व समझते हुए राज्य सरकार ने जोधपुर में इसके लिए एक विशेष निदेशालय की स्थापना करने की योजना बनाई है। इसका मुख्य उद्देश्य शिल्पकारों और बुनकारों की सहायता करना और उनके काम को उचित मान्यता दिलाना है।
निदेशालय संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी:-
निदेशालय के पद और कर्तव्य: उद्योग और वाणिज्य आयुक्त इस निदेशालय के निदेशक बनेंगे। इसके अलावा, एक अतिरिक्त निदेशक का पद भी सृजित किया जाएगा। अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों को उद्योग और वाणिज्य विभाग से शामिल किया जाएगा।
कार्यक्रम और योजनाएं: निदेशालय का मुख्य कार्यक्रम शिल्पकारों और बुनकारों की विकास योजनाओं को सहायता प्रदान करना होगा। इसमें विशेषज्ञों की सेवाओं का उपयोग किया जा सकेगा, जिससे विभिन्न कला शिल्पकारों को उनके काम में मदद मिल सके।
शिल्पकारों और बुनकारों के उत्थान के लिए पहल: हस्तशिल्प और हथकरघा निदेशालय राजस्थान के शिल्पकारों और बुनकारों को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा देगा। इसके माध्यम से उन्हें अपने काम को नई पहचान और सम्मान मिलेगा। इसके साथ ही, इस नवीन निदेशालय मकसद उन्हें उनकी कामगारी के लिए अधिक मूल्य प्राप्त करना भी है।
समुदाय के विकास में योगदान: निदेशालय के द्वारा इस विभाग में काम करने वाले लोगों का कुशलता स्तर बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। इससे समुदाय का समग्र विकास होगा और सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार होगा।
इस प्रकार, जोधपुर में हस्तशिल्प और हथकरघा निदेशालय की स्थापना शिल्पकारों और बुनकारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह उनके कला को सम्मान देने और उनके विकास के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा।