राजस्थान में खुलेंगे 7 जनजाति आवासीय विद्यालय

प्रदेश में 7 जनजाति आवासीय विद्यालय खुलने से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सुधार होने की आशा है। यह नवीनतम पहल सरकार के द्वारा शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह नया कदम जनजाति क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण मंच होगा।

राजस्थान में खुलेंगे 7 जनजाति आवासीय विद्यालय rajasthan janjati awaseeya vdyalya (2)

जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा के लिए राजस्थान सरकार की पहल:

शिक्षा मानवीय विकास की मूल आवश्यकता है। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि शिक्षा की उपलब्धता विभिन्न क्षेत्रों में असमान है। जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा के लिए सुविधाएं कम होने के कारण, छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का मार्ग साधारणतया कठिन होता है। इस समस्या का समाधान करते हुए राजस्थान सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

विद्यालयों के निर्माण की वित्तीय मंजूरी:

इस वर्ष के प्रथम चरण में प्रत्येक जनजाति आवासीय विद्यालय के लिए 5 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा। आगे आने वाले वर्षों में दूसरे चरण में इन विद्यालयों के निर्माण कार्यों पर 71 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन सभी आवासीय विद्यालयों में विद्यार्थी क्षमता 210 होगी।

राजस्थान जनजाति आवासीय विद्यालयों हेतु निर्धारित स्थान:

राजस्थान सरकार द्वारा खोले जाने वाले जनजाति आवासीय विद्यालयों के स्थानों की सूची निम्न प्रकार है

जिले का नामजनजाति आवासीय विद्यालय 
पालीसुमेरपुर
सवाई माधोपुरसवाई माधोपुर
सवाई माधोपुरभेड़ोली-बौली
अजमेरगिरवरा, केकड़ी
जालोर जालोर 
डूंगरपुरचिखली 
टोंकश्रीपुरा, देवली

शिक्षा के लिए जनजाति आवासीय विद्यालय का महत्व:

  • जनजाति क्षेत्रों में आवासीय विद्यालयों की स्थापना करने से शिक्षा के क्षेत्र में नए दरवाजे खुलेंगे। 
  • छात्रों को जनजाति आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी अधिकारिक शिक्षा संस्थानों के साथ तुलनात्मक समानता बनी रहेगी। 
  • आवासीय विद्यालयों के निर्माण में सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता से उच्च शिक्षा की सुविधा छात्रों के लिए आसान होगी।

जनजाति आवासीय विद्यालयों के लाभ:

इन आवासीय विद्यालयों के खुलने से छात्रों को विभिन्न लाभ प्राप्त होंगे। इसके माध्यम से वे उच्च शिक्षा की सुविधा से अवगत होंगे और आगे की पढ़ाई में आसानी से सफलता प्राप्त कर सकेंगे। यहां कुछ मुख्य लाभ शामिल हैं:

  • आवासीय विद्यालयो में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सामान्यतया आवश्यक दस्तावेजों और फॉर्मालिटीज़ की ज़रूरत नहीं होती है।
  • सरकार ने आवासीय विद्यालयों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे इन विद्यालयों की इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा सुविधाएं मजबूत होंगी।
  • प्रत्येक आवासीय विद्यालय की क्षमता 210 छात्रों तक होगी, जो शिक्षा के लिए विभिन्न कक्षाओं में बांटे जाएंगे।

यह बड़ी सरकारी पहल जनजाति क्षेत्रों के छात्रों को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करके सामान्यता और समानता का संदेश देती है। इससे उन्हें उच्चतर शिक्षा में स्थानीय स्तर पर अधिक प्रगति की संभावना मिलेगी, जो उनके भविष्य को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करेगी।

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