अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत समाज में चल रही छुआछूत जैसी कुप्रथाओ को मिटाकर अन्तरजातीय युवक-युवतियों को विवाह के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ की प्रोत्साहन राशि के रूप में 10 लाख रूपये भी दिए जाते है।
योजना अंतर्गत दी जाने वाली संशोधित प्रोत्साहन राशि:-
इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ा दिया गया है राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के द्वारा योजना में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है
इस प्रोत्साहन राशि में से 5.50 लाख रुपए दंपति के सरकारी बैंक के खाते में एफडी के रूप में जमा किए जाएंगे तथा शेष 5.50 लाख रुपए घरेलू जीवन निर्वाह करने के लिए दंपति के संयुक्त बैंक खाते में जमा कर दिए जाएंगे
अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना हेतु योग्यता:-
- अन्तरजातीय विवाह करने के 1 वर्ष के अंदर योजना हेतु आवेदन करना अनिवार्य है
- अन्तरजातीय विवाह करने वाले हिंदू पुरुष व महिला या अनुसूचित जाति के पुरुष व महिला दोनों ही राजस्थान के मूल निवासी होने चाहिए
- दंपति की आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए
- वैवाहिक दंपति के संबंध में कोई आपराधिक मामला नहीं होना चाहिए
- वैवाहिक दंपति के पास विभाग द्वारा जारी विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है
- दंपति की पारिवारिक वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए
- अन्तरजातीय विवाह करने वाले दंपत्ति राज्य सरकार/केंद्र सरकार द्वारा संचालित किसी भी योजना का लाभ नहीं ले रहे हो
योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज:-
- दंपति के विवाह का पंजीयन प्रमाण पत्र की कॉपी
- दंपति का जाति प्रमाण पत्र की कॉपी
- दंपति का स्वयं के द्वारा घोषित आय का प्रमाण पत्र
- दंपति के आधार कार्ड की कॉपी
- दंपति के जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी
- दंपति की संयुक्त फोटो
- विधवा महिला की स्थिति में पति के मृत्यु प्रमाण पत्र की कॉपी
- दंपति में से किसी एक के स्वर्ण जाति होने का शपथ पत्र
आवेदन की प्रक्रिया:-
- वैवाहिक दंपति द्वारा इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का लाभ लेने हेतु अनुसूचित जाति के पुरुष या महिला के द्वारा ही ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा यह आवेदन वह अपने नजदीकी सरकारी मान्यता प्राप्त प्राप्त ईमित्र या एसएसओ आईडी के माध्यम से कर सकेंगे
- आवेदक द्वारा विवाह के 1 वर्ष होने के पश्चात आवेदन करने पर वह आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा
- योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक को उपयुक्त सभी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करने होंगे
- इस योजना में आवेदन करने के पश्चात जिलाधिकारी द्वारा यह जांच की जाएगी के वैवाहिक दंपति साथ में जीवन व्यतीत कर रहे हो
योजना अंतर्गत पूर्व में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि:-
अन्तरजातीय विवाह के अंतर्गत विवाह करने वाले दंपति को सुखी दांपत्य जीवन जीने के लिए सरकार की तरफ से पूर्व में 5 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते थे।
इस प्रोत्साहन राशि में से 2.50 लाख रुपए दंपति के सरकारी बैंक के खाते में एफडी के रूप में जमा किए जाते थे तथा शेष 2.50 लाख रुपए घरेलू जीवन निर्वाह करने के लिए दंपति के संयुक्त बैंक खाते में जमा कर दिए जाते थे।